करता हुँ दुआ कहीं बीमार ना पड़ जाऊँ
लग ना जाए पिता के खून पसीने की कमाई
जोड़ते हैं पाई-पाई जो
दो वक्त की रोटी के लिए
राज स्वामी
सहमा-सहमा सा दिल है तेरे आने की उम्मीद है जला कर रखता हुँ चराग मेरी आँखों के कहीं खत्म ना हो जाए इंतजार जल ना साँसों की बाती तेरे आन...
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