Sunday 15 April 2018

माँ

मत मारो मुझे 
मैं माँ हुँ 
जिसकी कोख में पलते हो तुम 
कभी कभी नाज भी करते हो 
कभी कभी नाराज भी होते हो 
मुझे सब मंजूर है पर 
मत मारो मुझे 
मैं माँ हुँ 
मैं तंग आ गई इस जिवन मरण से 
कभी मुझे कोख में मारा 
कभी मुझे भरे बाज़ार मारा 
मेरी इज्जत तार तार करते हो 
मत मारो मुझे 
मैं माँ हुँ 
क्यों इतनी हवस भरी पड़ी है 
ये माँ जीते जी मरी पड़ी है 
क्या यही संस्कार दिये थे मैने 
रहम करो रहम करो पुकार सुनो 
मत मारो मुझे 
मैं माँ हुँ 
ड़र लगता है अब अपनों से भी 
भरोसा उठ रहा है मेरा सबसे 
विनास होने वाला है 
संभल जाओ मेरी इज्जत बचाओ 
मत मारो मुझे 
मैं माँ हुँ 

राज स्वामी 

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