Wednesday 11 April 2018

नारी ••••

इज्जत को उछाला जा रहा है 
जिस्म पर कपड़ा डाला जा रहा है 
हम ही है इज्जत तेरे घर की 
और हम पर ही कीचड़ डाला जा रहा है 

ना जीत होगी ना हार होगी तुम्हारी 
बिन बात के घर में विघन डाला जा रहा है 

गली में एक दिन हँस क्या दिये 
कोहराम हो गया 
आज मेरी हार बात पर पहरा डाला जा रहा है 

किस्से हमने भी सुने है तेरी मोहब्बत के 
बाजार में 
इल्जाम हम पर है और घर किराये पर डाला जा रहा है 

राज स्वामी 

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